हिंदी शायरी संग्रह
हर वक्त नजरें ढूंढती है दीदार को बेताब रहता हूं मेरे दिल पर मोहब्बत का छाप इस तरह छोड़ चुकी हो मुलाकात की बेचैनी हद से ज्यादा बढ़ चुकी है अब बिना हमसफर जिंदा न रह पाऊंगा
तुम्हें अपने हर एक लम्हे में शामिल करना चाहता हूं साथ देकर मुकद्दर बदल दो अब मोहब्बत की पनाहों में खुशहाल जिंदगी जीना चाहता हूं