Dard shayari | shayari Sangrah | Hindi shayari likha hua
ए बेवफा जो जख्म तुमने दिया है इसका दर्द उम्र भर न जाएगा मैंने सोचा ना था वफा के बदले एक झटके में आशिकी का भूत उतर सा जाएगा
अपनी किस्मत का मसाला ढूंढने में रह गया उनके वादों और इरादों का फितूर समझने में रह गया सच कह रहा हूं यारों दिल टूटा है इस तरह ऐसा लगता है आजकल मैं जिंदा ही मर गया
अब दिल का दर्द किसी से बयां कर नहीं पाता हूं खुद ही अपनी तोहीन कर नहीं पाता हूं तुमने लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ा बस अब खामोश रहकर अपनी जिंदगी की समस्याओं का हाल ढूंढता हूं
आजकल खुद को समझने लगा हूं तकलीफ बहुत है मगर लोगों को दिखाने के लिए मुस्कुराने लगा हूं कोई अपनी कमजोरी का फायदा ना उठा ले इसीलिए खुद को ठीक-ठाक दिखने लगा हूं
आंखों से भ्रम का पर्दा हट गया है मेरा दिल एक बेवफा के जाल में फंस गया है हकीकत का ख्वाब दिखाकर लूटती जा रही है ऐसा लगता है अपनी बर्बादी के दिन काफी करीब आ गए हैं
उसको मासूम समझता रहा वह मुझे लालू समझती रही सच में उसकी गलियों में भटकना महंगा पड़ा मैं हकीकत से बेखबर हो गया वह खूबसूरत निगाहों से अजब गजब ठगती रही